यदि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी तो हम बहुत ही कम बीमार होंगे। जानवरों में रोग प्रतिरोधक क्षमता हम इन्सानों से ज्यादा होती है। इसके कई कारण है। उनमें से कुछ तथ्यों को हम समझेंगे।
धूप में ज्यादा रहना। ज्यादातर जानवर दिन के समय धूप में ही रहते हैं। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाती है। हमें भी दिन का कुछ समय धूप में अवश्य बिताना चाहिए।
भूख लगने पर ही खाना। खाना केवल स्वाद अनुसार ना खाकर अपने स्वभाव और अपनी जरूरत अनुसार खाना। शायद आपने भी कभी सुना हो कि कुत्ते या शेर जैसे जानवार भी कई बार कुछ गलत खा लेते हैं तो घास खाकर उसे वापस उल्टी के साथ उसे बाहर निकाल देते हैं।
हमें अपने खाने के नियमों पर थोड़ा सा संयम रखना होगा।
पका हुआ खाना ना खाकर कच्चा खाना खाना। हम इन्सानों की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी अधिक नहीं होती की हम सभी चीजों को कच्चा ही खा सकें। लेकिन हमें हमारे खाने में कच्चा भोजन जैसे कच्चा सलाद, फ्रूट्स, आदि शामिल करने ही चाहिए। और तेल आदि में भूनी हुई चीजों को कम से कम लेना चाहिए।
खाने में हरी सब्जियों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए। पशुओं को ज्यादातर भोजन हरा ही होता है।
ज्यादातर शाकाहारी जानवर सूर्यास्त के बाद खाना नहीं खाते हैं। रात में जो वो मुंह हिला रहे हैं, वो वास्तव में जुगाली कर रहे होते हैं। प्रकृति ने उन्हें ऐसा बनाया है, दिन के समय पशु कम समय में ज्यादा खाना खाने के लिए जल्दी जल्दी खा लेते हैं। शाम को उसी खाने को पेट से वासप मुंह में लेकर उसकी जुगाली करते हैं। यानि उसे अच्छे से चबाते हैं। वैसे भी जानवरों में लार इंसानों से ज्यादा मात्रा में बनती है। हम इन्सानों में जुगाली का सिस्टम नहीं होता है। अतः जब हम खाना खा रहे हैं तभी हमें उसे अच्छे से चबाकर खाना होगा। जिससे की ज्यादा से ज्यादा लार भी बने।
हमें याद रखना चाहिए कि खाने का स्वाद तो केवल जीभ तक ही होता है। पेट में जाने के बाद तो रोटी और लड्डू सब समान है। अतः स्वादिष्ट खाना खा ही रहे हैं तो उसे चबाते रहिए और मुुंह में जीभ पर ज्यादा से ज्यादा समय रखिये। इससे स्वाद का आनन्द भी ज्यादा समय रहेगा और लार भी ज्यादा बनेगी। इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक हो जाएगी।
प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे तोहफे दिए हैं जिन्हें काम में लेकर हम हमार रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। नीम, नीम गिलोय हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
लेकिन हमें एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, कि अति सभी की खराब होती है।
गहरी श्वांस लेने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही अधिक हो जाती है। इसके लिए हमें भ्रस्तिका प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।
आज हमारी दिनचर्या से श्रम कम हो गया है। पहले पानी लेने के लिए भी हमें बहुत दूर जाना होता था। प्रत्येक कार्य में परिश्रम करना होता था। जिससे हम स्वस्थ रहते थे। लेकिन आज परिश्रम की कमी है। तो इसकी पूर्ति हमें व्यायाम से कर लेनी चाहिए। दिन का आधा घण्टे का व्यायाम हमें स्वस्थ रखने में हमारी मदद करेगा, हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देगा।
Dr. A.K. Jain
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Sir Thoda yoga ke bare mai bhi likhiyega
Dhanyavad sir.
Kya yaha corona ke khilaf bhi work karega
Nice
please guide about water intake also
Nice info
Sahi baat ha aap ke
Dhanyawad sir
Ab se khane per jyada dhyan dungi🙏
Thanks for sharing the best information
Nice
Good
Dhanyavaad sir
Thanks sir
Very nice information for health immunity
Sahmat hai aapse
Roj dhup me khada rehna hai
Kacha bhojan khana hai
Khana swad anusar nahi, jarurat ke hisab se khana hai
Achi jankari mili sir
रोग प्रतिरोधक क्षमता के विषय में जानने को मिला
गहरी सांस लेने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक हो जाती है l
Good information sir
यदि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी तो हम बहुत कम बीमार पड़ेंगे। हमें भी दिन का कुछ समय धूप में अवश्य बिताना चाहिए। हमें भूख लगने पर ही खाना चाहिए। भोजन में हरी सब्जियां एवं सलाद तथा फ्रूट्स का प्रयोग करना चाहिए। हमें भोजन चबाकर खाना होगा जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लार बन सके। गहरी सांस लेने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही अधिक हो जाती है इसके लिए हमें भ्रस्तिका प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।
Yes sir rog pratikarak shamta vishay me jankari mili
Very useful blog sir
Nice tips to improve immunity
Bahut bahut important information, main kosish karunga sabhi ko baatane ke liye
Ty sir for these most important information🙏
nice
Very nice
Good information sir
Oo