24 तीर्थंकरों के नाम व पद चिन्ह
1 आदिनाथ जी / ऋषभदेव जी- बैल 2 अजितनाथ जी – हाथी 3 सम्भवनाथ जी – घोडा 4 अभिनन्दन जी – बन्दर 5 सुमतिनाथ जी
1 आदिनाथ जी / ऋषभदेव जी- बैल 2 अजितनाथ जी – हाथी 3 सम्भवनाथ जी – घोडा 4 अभिनन्दन जी – बन्दर 5 सुमतिनाथ जी
(2 – 3 Inches Colour tap or Oil Colour) North – Green Colour NNE – Green NE – Light Yellow Colour, (Strictly Prohibited) ENE –
North – New Clients NNE – Lungs Problem, mucus (Not recovering soon), Marriage Life disturb, Worshiping, renunciation NE – Meditaion ENE – Happiness East –
ज्ञानेंद्रिय सिद्धांत हम सभी यह जानते हैं कि जिस प्रकार वास्तु शास्त्र के सिद्धांत पंचतत्व या पंचमहाभूतओ के इर्द गिर्द घूमते हैं। उसी प्रकार वास्तु
प्रकृति के साथ तालमेल प्रकृति के द्वारा बनाए गए सिद्धांतों एवं इनके साथ तालमेल रखते हुए जीवन बिताना ही वास्तु शास्त्र के मर्म में छिपा
स्वास्थ्य के लिए विभिन्न वास्तु आयाम: वैदिक वास्तु शास्त्र में वर्णित सभी दिशा निर्देश पंचतत्व के सिद्धांत के आसपास घूमते हैं। सृष्टि मानव जीवन पर्यावरण
सभी प्राणियों पर एक समान रूप से लागू : हम सभी यह भली-भांति जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में नैसर्गिक ऊर्जा तरंगों की प्रकृति को
परंपरागत वास्तु शास्त्र का विषय क्षेत्र परंपरागत वास्तु शास्त्र में दो प्रकार का अध्ययन किया जाता रहा है एक तो वह जो कि विभिन्न दिशाओं
भूमि के रंग व सामान्य अवलोकन पर आधारित भू परीक्षण भूमि भवन का आधार है अर्थात बिना भूमि के किसी भी बिल्डिंग के अस्तित्व की
मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकता है रोटी, कपड़ा, और मकान । यहां जितना महत्व भोजन व वस्त्र का है उतना ही महत्व मकान का भी
सृष्टि के पांच तत्वों के बाद निश्चित रूप से रसायन विज्ञान के छात्रों के गले नहीं उतरेगी क्योंकि उन्होंने तो इन तत्वों (एलिमेंट्स) के विषय
क्या है पंच तत्वों का संतुलन जैसा कि बताया जा चुका है, कि इस सृष्टि एवं सभी प्राणियों के अस्तित्व को बनाए रखने के
वास्तु शास्त्र क्या है। परिभाषा & सृष्टि के नैसर्गिक नियमों के अनुसार रहने का नाम ही वास्तु है, अर्थ यदि हम इस संपूर्ण जगत के
‘‘शास्त्रेणानेन सर्वस्य लोकस्य परम् सुखम् । चतुर्वर्ग फल प्राति श्लोकाश्च भवेभियुवम् । शिल्पशास्त्र परिज्ञान मृत्योपि सुजेथा वृजथम् परम–परमानन्द जनक देवान्मिथे मृथम्। शिल्प बिना नहि जगदीषु
थूंक लगाकर नोट कभी ना गिनें। Office की मुख्य टेबल पर खाना रखकर ना खाऐं। टेबल के उपर पैर रखकर ना बैठें। पत्नी का कभी
किसी व्यक्ति का दूसरे व्यक्तियों के साथ कैसा सम्बन्ध है। यह हम वास्तु एवं ज्योतिष से जान सकते हैं। इन सम्बंधों में सबसे महत्वपूर्ण सम्बन्ध
पढाई के समय किस दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए? पढाई के समय हमें किस दिशा में फेश रखना चाहिए। ये जानने के साथ ही
वास्तु अनुसार घडी किस दिवार पर लगाऐं। घर में बन्द घडी कभी भी ना रखें। सभी घडियों का समय एक जैसा मिलाकर रखें। हर कमरे
झाडू ना र्सिफ घर में साफ-सफाई के लिए काम आती है, बल्कि यह घर की दरिद्रता को भी दूर भगाती है और साथ ही घर
घर में कभी भी बहुत अधिक पेड़ पौधे नहीं लगाने चाहिए। घर में कभी भी बड़े पेड़ नहीं लगाने चाहिए। पेड़ की छाया से छाया
डस्टबिन कहां होना चाहिए यह जानने से पहले हमें यह ध्यान होना चाहिए कि यह कहां नहीं रखना चाहिए या कौन सी दिशा में
आज एक चीज के बिना रसोईघर को अधूरा माना जाता है इसमें हम वस्तुओं को ठंडा रखने के लिए रखते हैं तथा भोजन को लंबे
पानी पृथ्वी की सतह का लगभग 71 प्रतिशत पानी से ढका हुआ है। पानी, प्रकृति के पाँच तत्वों (पंचभूतों) के प्रमुख तत्व में से एक
▪️ Importance In what ways can Vastu Shastra work? Architecture, spirituality is very important for every person who is interested in interior designing and who
स्पर्श के आधार पर भूमि का चयन 1. जिस भूमि को स्पर्श करने पर ग्रीष्मऋतु में ठंडी एंव ठंड की ऋतु में गर्म तथा वर्षाऋतु
भूमि चयन भूमि खरीदने से पहले यह देखना होगा की भूमि किस प्रयोग के लिए खरीदी जा रही है। गृह-निर्माण, मंदिर निर्माण, अस्पताल, स्कूल, तालाब
भूमि के लक्षण दक्षिण, पश्चिम, नैऋत्य और वायव्य में ऊँची भूमि को गजपृष्ठ भूमि कहते हैं। इस पर निवास करने से लक्ष्मीलाभ एवं आयुवृद्धि होती
पशु–पक्षियों के निवास की फल जिस भूमि पर काक एवं कबूतरों का निरन्तर निवास रहता हो, उस भूमि पर मन्दिर एवं भवन बनाने से रोग,
None Leaving Lands : जिस भूमि के समीप श्मशान या कब्रिस्तान हो, तथा जहाँ पशुओं की बलि दी जाती रही हो, वह भूमि निकृष्ट कही
व्यावसायिक वास्तु ब्रह्माण्डीय ऊर्जा व पंचमहाभूतो का ताल मेल बनाते हुए नियमों को लागू करना चाहिए। व्यावसायिक वास्तु के लिए भूमि को परीक्षा, मिट्टी की
औद्योगिक वास्तु उद्योगों को तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। घरेलू उद्योग लघू उद्योग भारीउद्योग। औद्योगिक वास्तु में भी वास्तु के मूलभूत सिद्धान्त वही
वार रविवार– संगीत, वाद्यशिक्षा, स्वास्थ्य विचार, औषधि सेवन, प्रशासनिककार्य, मोटर या भान सवारी, नौकरी, पशुक्रय करना, हवन, मंत्र, उपदेश, दिक्षा, शिक्षा, न्यायिक परामर्श, प्रशासनिक निर्णय
भूमि की आकृतियाँ वर्गाकार– इस आकार की भूमि को सर्वश्रेष्ट माना गया है। यह भूमि हमें सुख, समृद्धी, वैभव, एवं मानसिक शांती देती है। क्योंकि
भूमि ढलान– जो भूमि अन्यसभी जगहों से ऊँची होकर ईशान की ओर ढलान होता है। वह भूमि सर्वश्रेष्ट होती है। यदि ढलान पूर्व की ओर
विभिन्न दिशाओं में कोनों के बड़े या घटने से परिणाम निकलते है। आग्नेय कोण का घटना या बढ़ना– आग्नेय कोण बड़ा हुआ है तो यह
भूमि के आस–पास का वातावरण– भूमि के दक्षिण एवं पश्चिम भाग की तरफ खड्ड़ा, या पानी का तालाब नही होना चाहिए। भूमि के पूर्व दिशा
रंगों का महत्व पीला– बुद्धि बढाता है, गटीया रोग मे लाभदायक हरा– शान्त प्रकृति, गर्मी को कम करता है। क्षयरोग कम करता है। लाल– उत्तेजना
सौभाग्य सुचक मुख्यद्वार शुभ पदो मे स्थापित किया गया मुख्य तार परिवार के लिए सुख-सम्बन्धी खुशहाली प्रदान करता है। जो प्राणीक ऊर्जा हमारे सौभाग्य के
पूजा एवं दान आदि जिस दिशा में दोष है उस दिशा में पूजा करें ईशान कोण दूषित होने पर उस कोने में गुरूयन्त्र स्थापित करें
दिशादोष व उनके परिणाम पूर्व दिशा – दरिद्रताए अस्वस्थताए पुत्र, पुत्रीयों सम्बन्धित प्रोब्लम आग्नेयकोण – बच्चो व स्त्रीयों को प्रभावित करता है। स्त्रीयों सम्बन्धित प्रोब्लम
रुद्राक्ष रुद्राक्ष का महत्व हमारे शास्त्रों में उल्लेखित हैं। ये कितना मुखी होगा तो किस तरह फायदा दे सकता है, इस बारे में बताया जा
पंचमहाभूत यदि उस भवन में भी अग्नि, भूमि, जल, वायु और आकाश तत्वों का सही ताल मेल रखा जाए तो वहाँ रहने वाली प्राणी शारीरिक,
फेंग शुई के उपाय फेंग शुई चीन की वास्तुकला है, जिसका शाब्दिक अर्थ है हवा और पानी। हवा और पानी का सही संतुलन ही फेंग
वास्तु शास्त्र का महत्व एवं उपयोगिता हमारी प्रकृति में अनन्त शक्तियाँ हैं, जिससे सृष्टि, विकास और प्रलय की प्रक्रिया चलती रहती है। वास्तु शास्त्र में
गृहभवन, उच्च प्रासाद, दुर्ग-गांव, नगर, मंदिर-देवालय, कूप, तालाब, वापी, मूर्ति निर्माण, स्थापत्य कला, विभिन्न प्रकार के मण्डप, यज्ञ-शालाएं, सभागृह, शिविका, रथ, विभिन्न प्रकार के यान
वास्तु अनुसार भूमि परीक्षण के तरीके: दो या तीन महीने /(6 माह) तक के बच्चे को उपयुक्त मौसम में (न ज्यादा सर्दी ना ज्यादा गर्मी)
क्या हम जो चीजें जानते हैं वे दुनिया में अधिक हैं या जो नहीं जानते हैं वे अधिक हैं। जैसे – मैं हवाई जहाज उड़ाना
The doors and windows are essential furnishing articles of the house. These are used for insulation purposes. They provide comfort in working at the house.
Vastu verifies to locate staircase of the building in the South or West direction. Staircase is a heavy structure; hence it should be located in negative zones
Colors specify our mind and stimulate energy. The colors have significant effect on our mood, health and happiness. The impact of colors on
भवन में विभिन्न कक्षो की स्थिति अलग अलग प्रभाव डालती है वास्तु अनुसार कक्षो की स्थिति यहाँ दी जा रही है। गृह तालिका रहने का
क्या हम जो चीजें जानते हैं वे दुनिया में अधिक हैं या जो नहीं जानते हैं वे अधिक हैं। जैसे – मैं हवाई जहाज उड़ाना