सरकारी स्कुल और प्राइवेट स्कुल में अंतर
’ यह ब्लाॅक माता-पिता और छात्रों के लिए है जो भविष्य को बनाने के लिए विघालय का चयन करना चाहते है। स्कुल में प्रवेश लेने से पूर्व इस ब्लाॅक को पढने के बाद आपको सरलता होगी की कैसे विघालय में प्रवेश लेना चाहिए।
’ सरकारी स्कुल और निजी स्कुल में अंतर – सरकारी स्कुल और निजी स्कुल क्या है और इसमें क्या अंतर होता हैघ् दोनों ही शिक्षा ग्रहण के संस्थान है लेकिन इनमें कुछ अंतर है जिन्हें आज हम आपको बताने जा रहेे है।
’ सरकारी स्कुुल वे प्राथमिक या माध्यमिक स्कुल होते है जिन्हें स्थानीय राज्य या राष्ट्रीय सरकार द्धारा संभाला जाता है और यहाँ कोई फीस नहीं देनी पडती यदि देनी भी पडती है तो नाम मात्र की ये सभी छात्रों को समान समझते है। क्युँकि ये स्कुल सरकार द्धारा संचालित होते है इसलिए ये कराधान द्धारा पुर्ण या आंशिक रुप से विŸा पोषित रहते है।
सभी सरकारी स्कूलों को सरकार द्धारा नियंत्रित किया जाता है इसलिए पाठयक्रम का निर्णय भी राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है सभी सरकारी स्कुल समान पाठयक्रम का पालन करते हुए स्कुल चलाते है। सभी सरकारी स्कुलों का प्रवेश और परीक्षण भी सरकार द्धारा ही प्रबंधित किया जाता है। सरकारी स्कूल में प्रवेश छात्र के पते से निर्धारित होता है। स्कूल उन छत्रों को लेेने के लिए बाध्य है जो उनसें संबंधित भौगोलिक क्षेत्र में रहते है।
सरकारी स्कुल की फैसिलिटी को देखते हुए प्राइवेट स्कुल की अपेक्षा सरकारी स्कुल में छात्र अधिक होते है सरकारी स्कुल में पढाने वाले अध्यापक काफी शिक्षित होते है।
’ सरकारी स्कुल में शिक्षा के लाभ व दुष्प्रभाव –
(Govt. school building)
लाभ – 1ण् खाना और किताबें मिलना – सरकार द्धारा सरकारी स्कुलों में कई ऐसी योजनाएं है जिनमें बच्चों को खाना, वर्दी, किताबें मुफ्त में मुहैया कराई जाती है। ऐसा इसलिए कराया जाता है जिससे बच्चे स्कुल मेें आए और अपना भविष्य सुधारने का प्रयास करें। निम्न स्तर के बच्चे को सही पोषण और पढाई देने के लिए यह योजनाएं चलाई गई है। इसके अलावा छात्रों को विघालय में बुलाने और देश में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए यह प्रयास किए गए है।
2ण् कम दाम में शिक्षा मिलना – सरकार द्धारा चलाए जाने वाले विघालयों में गरीब बच्चों को शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। ऐसे स्कुलों में कम दाम में या मुफ्त में छात्रों को पढाया जाता है। गरीब बच्चों के लिए कई बार छात्रवृŸिा दी जाती है।
’ दुष्प्रभाव – 1ण् शिक्षकों की कमी – सरकारी स्कुलों में कई बार यह देखा गया है कि वहाँ पर शिक्षकों की कमी होती है। हर विषय के शिक्षक विघालय में मौजुद नहीं होते है।
2ण् मुलभुत सुविधाएँ न होना – सरकारी विघालयों में कई दफा पुस्तकालय नहीं होते है। इसके अलावा शौचालय की सुविधा भी कई बार छात्रोें को उपलब्ध नहीं होती है।
3ण् कक्षाएँ व्यवस्थित नहीं होती है – सरकारी स्कुलों में कक्षाएँ अव्यवस्थित होती है अर्थात कक्षाएँ प्रायः टुटी एवं खराब स्थिति में होती है।
(Govt. school class room)
’ प्राइवेट स्कुल – प्राइवेट स्कुल वों स्कुल होते है जिन्हें सरकार द्धारा नहीं चलाया
(Pvt. school building)
जाता है या यूँ भी कह सकते है कि एक निजी स्कुल को सरकार द्धारा विŸा पोषित या प्रशासनिक नहीं किया जाता है। ये किसी एक निजी निकाय द्धारा नियंत्रित होते है और छात्रों के टयुशन द्धारा आंशिक या पूर्ण व्यय से विŸा पोषित होते है। सामान्य रुप से एक प्राइवेट स्कुल की फीस सरकारी स्कुल से काफी अधिक होती है साथ ही आमतौर पर देखा जाता है कि प्राइवेट स्कुल का इंस्ट्राकचर भी काफी अच्छा बनाया जाता है और सरकारी स्कुल की अपेक्षा इनमें टेक्नोलाॅजी आदि को नच.जव.कंजम भी रखा जाता है।
प्राइवेट स्कुल भी सरकार द्धारा बनाया गया पाठयक्रम चलाते है और शिक्षा प्रदान करने का तरीका इनका बोर्ड के अनुसार रहता है स्कुल प्रशासन ही फीस और प्रवेश तय करते है। स्कुल के पास यह अधिकार है कि वह तय करें की कोई छात्र प्रवेश की आवश्यक्ताओं को पुरा करता है या नहीं।
’ निजी विघालय के लाभ और दुष्प्रभाव – 1ण् सुविधाएँ और नई तकनीक – निजी
(Pvt. school class room)
अथवा प्राइवेट स्कुल में सरकारी विघालय के मुताबिक ज्यादा सुविधाएँ होती हैं। निजी विघालयों में अधिकतर नए यंत्रों के द्धारा पढाया जाता है। जैसे कम्प्युटर, इंटरनेट आदि। बच्चों कों यहाँ सभी चीजें व्यवहारिक रुप से सिखाई जाती है। इन स्कुलों में शौचालय, पुस्तकालय जैसी मुल सुविधाएँ उपलब्ध होती है।
2ण् शिक्षकों की जांच – निजी स्कुलों में हर विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक होते है। ऐसे स्कुलों में शिक्षक अपने विषय में निपुण होते है और वास्तविक रुप से छात्रों कोे ज्ञान देते है।
’ निजी स्कुलों में दाखिला लेने के कारण – इन स्कुलों में निजी रुप से छात्रोें पर ध्यान दिया जाता है। माता-पिता अपने बच्चों का प्रवेश निजी संस्थान में इसलिए कराते है क्योंकि यहाँ आने से वह शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रहतें है। निजी संस्थानों में बच्चों के लिए अलग से योगा व अन्य विषय के शिक्षक रखें जाते है।
शिक्षकों को यह भी सिखाया जाता है कि उन्हें विघार्थियों को कैसे समझाना है और कैसे उनसे बात करनी है। ऐसे संस्थानों में पढने के कारण शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। कई बार ऐसे आंकडे सामने आते है जिनमें सरकारी शिक्षण संस्थानों पर एक बडा सवाल उठता है। सरकारी स्कुलों में कई बार छात्रावास, पुस्तकालय व अन्य मुलभुत सुविधाएं मौजुद नहीं होती है।
’ दुष्प्रभाव – 1ण् मनमानी फीस वसूलना – निजी संस्थान अभिभावकों से मनचाही फीस वसूलतें है। यह सबसे बडा नुकसान है शिक्षा के निजीकरण का। गरीब लोग जिनके पास पैसे नहीं है और वह अपने बच्चों को अच्छे स्कुल में पढाना चाहते है परंतु वह ऐसा नहीं कर सकते है।
This Post Has 24 Comments
Very good information for parent’s and students
Asha margdarshan.
Achi jankari mila government aur private school ke baare me, uski deference ke baare me. Par agar government sarkari schoolon mein private ki tarah facility de to bahut garib bachha sikshit baan sakega
mind sharp ke liye mantra bataiye
School aur vastu shastra bohot achha bolg
Good
Thanks sir
Good information
Great information
Life time good knowledge for school
Private school better than government schools
School me bi vastu shastra vichar kiya jata aaj pura jankar prapt ho gai sir
KHUP SUNDAR , CHAN APEN MAHITI DILI
सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों में फर्क समझ में आया
Private anr govt. School me kya antar hai yeha pata chala tatha govt. School behayar hai aise mahasus hua sir
सरकारी स्कूल वे प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल होते हैं जिन्हें स्थानीय राज्य या राष्ट्रीय सरकार द्वारा संभाला जाता है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को खाना, वर्दी ,किताबें मुफ्त में मुहैया कराई जाती है। सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी होती है ।हर विषय के शिक्षक विद्यालय में मौजूद नहीं होते हैं। कक्षाएं प्राय टूटी एवं खराब स्थिति में होती है।
प्राइवेट स्कूल वे स्कूल होते हैं जिन्हें सरकार द्वारा नहीं चलाया जाता है। निजी विद्यालयों में अधिकतर नए यंत्रों द्वारा पढ़ाया जाता है। जैसे कंप्यूटर, इंटरनेट आदि। निजी संस्थान अभिभावकों से मनचाही फीस वसूलते हैं।
Nice😊
Very nice blog sir
Good information
so good
Information aachha mila, do schools ka deference bhi achi tarika se kiya gaya hai, humara desh ke liye government school hi chahiye, par facility private school jaisa hona chahiye, tabhi desh ka vikas sambhav hai
good
Superb blog
Very useful blog for parents nd students.