साढ़े साती: समझें शनि की ढाई साल की परीक्षा

02 : 44 : 22 साढ़े साती: समझें शनि की ढाई साल की परीक्षा

साढ़े साती: समझें शनि की ढाई साल की परीक्षा

साढ़े साती: समझें शनि की ढाई साल की परीक्षा

साढ़े साती क्या है?

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्मफल का कारक माना जाता है। जब शनि ग्रह अपनी राशि से आगे बढ़कर किसी जातक की लग्न या चंद्र राशि से साढ़े सातवें घर में प्रवेश करता है, तो यह अवधि साढ़े साती कहलाती है। यह एक ऐसी अवधि होती है जिसमें व्यक्ति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

साढ़े साती का प्रभाव

साढ़े साती का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है, जैसे:

  • व्यक्तिगत जीवन: तनाव, चिंता, उदासी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
  • वैवाहिक जीवन: मतभेद, तनाव, अलग होने की स्थिति
  • करियर और व्यवसाय: नौकरी में समस्याएं, व्यापार में नुकसान, आर्थिक तंगी
  • सामाजिक जीवन: दोस्तों से दूरी, अपमान, बदनामी

साढ़े साती के दौरान क्या करें?

हालांकि साढ़े साती एक चुनौतीपूर्ण अवधि होती है, लेकिन इसे सफलतापूर्वक पार किया जा सकता है। कुछ उपाय हैं जो आप इस दौरान कर सकते हैं:

  • धैर्य रखें: शनि ग्रह धैर्य की परीक्षा लेता है। धैर्यपूर्वक काम लेने से स्थिति में सुधार हो सकता है।
  • नियमित पूजा: नियमित रूप से शनि देव की पूजा करें। शनिवार का व्रत रखना भी लाभकारी होता है।
  • दान पुण्य: जरूरतमंद लोगों की मदद करें और दान पुण्य करें।
  • स्वास्थ्य का ध्यान रखें: स्वस्थ रहने के लिए योग, व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन करें।
  • सकारात्मक सोच: नकारात्मक विचारों को दूर रखें और सकारात्मक रहने का प्रयास करें।

साढ़े साती का अंत

साढ़े साती की अवधि लगभग साढ़े सात साल की होती है। इस अवधि के बाद शनि ग्रह आगे बढ़ जाता है और जातक को राहत मिलती है। हालांकि, इस अवधि में किए गए अच्छे कर्मों का फल भी मिलना शुरू होता है।

साढ़े साती एक चुनौतीपूर्ण अवधि हो सकती है, लेकिन यह जीवन का एक हिस्सा है। धैर्य और दृढ़ता के साथ इस अवधि को पार किया जा सकता है।

 

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